खत्म होने के करीब रूस-यूक्रेन युद्ध! ट्रंप-जेलेंस्की की मुलाकात से आई बड़ी उम्मीद
रूस-यूक्रेन युद्ध में, जो लगभग चार साल से जारी है, अब एक नया मोड़ आता दिखाई देता है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की की मुलाकात के बाद शांति की खबरें फिर से चर्चा में हैं। दोनों नेताओं ने कहा कि युद्ध खत्म करने के समझौते पर 95 प्रतिशत मुद्दों पर समझौता हो गया है। “डोनबास” जैसे विवादित क्षेत्रों पर अभी भी मतभेद हैं। अब इन पर पूरी दुनिया की दृष्टि है।
फ्लोरिडा में महत्वपूर्ण बैठक
दोनों नेताओं ने रविवार को फ्लोरिडा के “मार-ए-लागो” रिसॉर्ट में एक महत्वपूर्ण बैठक की। बातचीत लगभग तीन घंटे चली। बंद कमरे में हुई चर्चा के बाद दोनों देशों ने एक संयुक्त प्रेस वार्ता की। सभा के समाप्त होते ही पूरी दुनिया में चर्चा शुरू हो गई कि क्या युद्ध वास्तव में खत्म होने के करीब है?
बातचीत को ट्रंप ने “बहुत आगे बढ़ चुकी” और “आशाजनक” बताया। जेलेंस्की ने भी इस बैठक को “सकारात्मक और उपयोगी” बताया। दोनों ने माना कि लंबे समय से जारी युद्ध को खत्म करना चाहिए ताकि यूक्रेन में शांति लौट सके और लाखों लोगों की जान बचाई जा सके।
95 प्रतिशत मुद्दों पर सहमति
शांति समझौते के “मुख्य बिंदुओं पर 95 प्रतिशत सहमति” हो गई है, ट्रंप ने कहा। अब सिर्फ कुछ छोटे लेकिन महत्वपूर्ण मुद्दे रह गए हैं, उन्होंने कहा। उनका कहना था कि आने वाले कुछ हफ्ते बहुत महत्वपूर्ण होंगे।
जेलेंस्की ने कहा कि “यूक्रेन की सुरक्षा गारंटी पर लगभग पूरी सहमति बन चुकी है।”इसका अर्थ है कि अमेरिका और यूरोपीय देश यूक्रेन की सुरक्षा करेंगे अगर रूस फिर से हमला करता है। यही कारण है कि दोनों नेताओं ने इस मुलाकात को एक ऐतिहासिक घटना बताया।
डोनबास की समस्या ने बड़ी बाधा डाली
लेकिन हर बात आसान नहीं है। डोनबास क्षेत्र बातचीत का सबसे कठिन हिस्सा बना हुआ है। रूस चाहता है कि यूक्रेन इस क्षेत्र से अपने सैनिकों को बाहर निकाल दे और वहाँ रूस के समर्थन से एक नए प्रशासन की स्थापना करे। लेकिन यूक्रेन इसे करने को तैयार नहीं है।
ट्रंप ने माना कि “डोनबास सबसे बड़ा और मुश्किल मुद्दा है।”उसने यह भी कहा कि अमेरिका ने एक उपाय सुझाया है: डोनबास के कुछ हिस्सों को “फ्री इकोनॉमिक जोन” बना देना, ताकि दोनों देशों के लोग वहां शांति बनाए रखने और काम कर सकें।
लेकिन अब तक पूरी सहमति नहीं मिली है। जेलेंस्की ने कहा, “किसी भी जमीन को छोड़ने का फैसला सिर्फ जनता कर सकती है।”उन्होंने इस विषय पर जनमत संग्रह (referendum) कराने का भी अधिकार सुरक्षित रखा है।
युद्ध समाप्त होने की उम्मीद
ट्रंप और जेलेंस्की दोनों ने उम्मीद जताई कि शांति प्रक्रिया सफल होगी। “मुझे लगता है कि हम बहुत करीब हैं,” ट्रंप ने कहा। दुनिया जल्द ही एक महत्वपूर्ण दिन देखेगी।”
जेलेंस्की ने कहा, “जो भी निर्णय लिया जाएगा, वह यूक्रेन की जनता के हित में होगा।”उन्होंने यह भी कहा कि जनता, संसद और सेना की सहमति से ही शांति वार्ता का हर चरण होगा।
दोनों देशों के सलाहकारों ने २० बिंदुओं की एक शांति योजना पर चर्चा की। इनमें सैन्य सहयोग, सुरक्षा गारंटी, अर्थव्यवस्था का सुधार और पुनर्निर्माण शामिल हैं। इन बीस बिंदुओं में से लगभग ९० प्रतिशत पर समझौता हो गया है।
पुतिन और ट्रंप ने फोन पर चर्चा की
ट्रंप ने इस बैठक से पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर बातचीत की थी। जबकि रूस ने इसे “दोस्ताना और खुले माहौल” में हुआ बताया, ट्रंप ने इसे “उपयोगी बातचीत” बताया।
रूस ने कहा कि “60 दिन के युद्धविराम” का प्रस्ताव युद्ध की अवधि को बढ़ा सकता है। इसलिए वह फैसला जल्दी करना चाहता है। अमेरिका और रूस ने भी “संयुक्त कार्य समूह” बनाने पर समझौता किया है जो सुरक्षा, आर्थिक और ऊर्जा क्षेत्रों पर काम करेगा।
बातचीत के दौरान निरंतर हमले
रूस ने बातचीत के दौरान कीव सहित यूक्रेनी शहरों पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए। इन हमलों से कई क्षेत्रों में बिजली और हीटिंग सिस्टम ठप हो गए।
जेलेंस्की ने कहा, “यह हमले हमारी बातचीत पर दबाव बनाने के लिए किए जा रहे हैं।“पुतिन और जेलेंस्की दोनों ही अब शांति चाहते हैं, इसलिए बातचीत जारी रहनी चाहिए,” ट्रंप ने कहा।”
इस दौरान, अमेरिका ने जापोरिज्जिया न्यूक्लियर पावर प्लांट पर भी चर्चा की। अमेरिका और यूक्रेन ने वहां की सुरक्षा और बिजली उत्पादन पर साझा नियंत्रण मान लिया है।
यूरोपीय देशों का योगदान
पूरी प्रक्रिया में यूरोपीय देशों की भूमिका निरंतर बढ़ती जा रही है। ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस शांति वार्ता में मध्यस्थ हो सकते हैं। हाल ही में जेलेंस्की ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री से बातचीत की है और यूरोपीय नेताओं के साथ एक संयुक्त कॉल की योजना बनाई गई है।
“अगर मेरे यूक्रेन जाने से युद्ध खत्म होता है, तो मैं वहाँ जाने को तैयार हूँ,” ट्रंप ने कहा।जेलेंस्की ने उन्हें भी आधिकारिक रूप से यूक्रेन जाने का निमंत्रण दिया है।
आम लोगों की आँखें उम्मीद से भर गईं
अब यूक्रेन और रूस के आम लोग इस युद्ध से थक चुके हैं। दोनों देशों में लाखों लोग अपना घर, काम और परिवार खो चुके हैं। युद्ध ने अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दिया है और हजारों लोगों को दूसरे देशों में शरण लेनी पड़ी है।
इन्हें शांति समझौते की खबर से एक नई उम्मीद मिली है। यूक्रेन में लोग सड़कों पर प्रार्थना कर रहे हैं कि सब कुछ जल्द ही सामान्य हो जाए और बच्चे फिर से स्कूल जा सकें।
ट्रंप और जेलेंस्की का प्रभाव सोशल मीडिया पर
दोनों नेताओं की बैठक सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गई है। #TrumplenskyPeaceTalks और #UkrainePeaceal जैसे हैशटैग इंस्टाग्राम और ट्विटर (अब X) पर लोकप्रिय हैं।
ट्रंप अपने विचारों को साझा करने के लिए अक्सर सोशल मीडिया का उपयोग करते हैं। Truth Social account पर उनके लाखों फॉलोअर्स हैं। जेलेंस्की के ट्विटर अकाउंट पर प्रत्येक पोस्ट पर हजारों लाइक और रीट्वीट मिलते हैं।
मुलाकात के बाद जेलेंस्की ने लिखा, “यह एक नई शुरुआत है।” हमें विश्वास है कि शांति हासिल की जा सकती है।कुछ ही घंटों में, इस पोस्ट को दस लाख से अधिक लोगों ने देखा।
डोनाल्ड ट्रंप की जन्मदिन की घोषणा
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और अब फिर से सक्रिय राजनेता डोनाल्ड ट्रंप का नाम राजनीति के अलावा रियल एस्टेट और व्यापार में भी प्रसिद्ध है। रिपोर्टों के अनुसार, 2025 तक उनका अनुमानित नेट वर्थ लगभग 7 अरब डॉलर होगा।
उनके पास संयुक्त राज्य अमेरिका में कई होटल, गोल्फ कोर्स और ब्रांड परियोजनाएं हैं। Mar-a-Lago Resort और Trump Tower उनकी सबसे चर्चित संपत्ति में से हैं।
शांति वार्ता के लिए अपने निजी रिसॉर्ट में एकत्र होना इस बात का संकेत है कि वे दोनों ही देशों को व्यक्तिगत और राजनीतिक स्तर पर एकजुट करना चाहते हैं।
वोलोदिमिर जेलेंस्की की जीवनी और उसके प्रसिद्धि
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की कॉमेडियन और टीवी एक्टर थे। अब वो देश के राष्ट्रपति हैं क्योंकि उन्होंने “सर्वेंट ऑफ द पीपल” में राष्ट्रपति की भूमिका निभाई थी।
उन्हें लोग साहस और नेतृत्व का प्रतीक मानते हैं, इसलिए वे आज भी बहुत लोकप्रिय हैं। युद्ध के दौरान, उन्होंने वीडियो संदेशों के ज़रिए लोगों से बातचीत की, जिसमें उनके करोड़ों फॉलोअर्स हैं।
शांति वार्ता में उनकी भागीदारी से दुनिया में उनका स्थान और भी बढ़ा है।
भविष्य में क्या होगा?
अब हर कोई आने वाले दो से तीन हफ्तों पर ध्यान दे रहा है। यही समय युद्ध का अंत होगा या नहीं। विशेषज्ञों का कहना है कि डोनबास और सुरक्षा गारंटी पर हुआ समझौता दोवीं सदी के सबसे महत्वपूर्ण शांति वार्ताओं में से एक बन जाएगा।
यूक्रेन का अनुमान है कि युद्ध खत्म होते ही पुनर्निर्माण कार्य जल्दी शुरू हो जाएगा। इसके लिए अमेरिका और यूरोपीय देश पैसे देंगे।
नतीजा: आशा की एक किरण
चार वर्षों से चले आ रहे इस भयानक संघर्ष में अब आखिरकार कुछ उम्मीद दिख रही है। ट्रंप-जेलेंस्की बैठक ने दिखाया कि इच्छाशक्ति से भी असंभव को संभव बनाया जा सकता है।
आने वाले दिनों में बहुत कुछ होगा। क्या इस बैठक से इतिहास बदल जाएगा?
क्या यह संघर्ष वास्तव में समाप्त हो जाएगा?
दुनिया उत्सुक होकर इस उत्तर का इंतज़ार कर रही है।